Wednesday, 19 June 2013

बस्तर की बांस कला आधुनिकता के इस चकाचौंध की दुनिया में आज भी बस्तर की बांस कला के सहारे हमारी विरासत की कलाएं जीवित हैं। यह पौधा अपनी शुद्धता के चलते धार्मिक व सांस्कृतिक जगत में विशेष महत्व रखता है तो बदलते समय में भी इसकी मांग कम नहीं हुई है। आसानी से उपलब्ध बांस से बनी सजावटी वस्तुएं शानदार बंगलों की खूबसूरती में चार चांद लगाने का प्रमुख स्रोत बनकर उभर रही हैं। इस प्रचलन ने बांस की शिल्पकला को नये आयाम देकर बस्तर के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर पैदा कर दिये हैं। खासकर ऐसे लोगों के लिए जो अपनी मेहनत एवं हुनर को नये-नये आकार में ढालने के लिए प्रयासरत रहते हैं। ये लोग बांस शिल्प कला में अपने हाथ आजमाकर खूब कमाई कर रहे हैं।

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